रंगमंच आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई श्रीराम लागू ने

मुंबई।  रंगमंच और सिनेमा की दुनिया के दिग्गज कलाकार  श्रीराम लागू ने विजय तेंदुलकर, विजया मेहता और अरविंद देशपांडे के साथ आजादी के बाद के दौर में महाराष्ट्र में रंगमंच आंदोलन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्रीराम लागू का मंगलवार देर शाम कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। वह 92 साल के थे।


हिन्दी सिनेमा के साथ ही वह मराठी फिल्मों और थिएटर के सबसे प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक थे। उन्होंने टीवी सीरियल्स में भी काम किया था। श्रीराम लागू के कुछ प्रमुख टीवी शोज में 'वक्त की रफ्तार', 'करामाती', 'थोड़ा सा आसमान', 'जुगल बंदी', 'गुल्मोहर वेस्ट' और 'उपन्यास' शामिल हैं। किरदार में डूब जाने की उनकी काबिलियत ने इन शोज में भी उनकी भूमिकाओं में ऐसी जान डाली थी कि दर्शकों के दिलों में आज भी उनकी यादें तरोताजा हैं। लागू का जन्म 1927 में सतारा में हुआ था।



श्रीराम लागू की पत्नी दीपा लागू भी टीवी की मशहूर अभिनेत्री रही हैं। उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि उनके बेटे के अमेरिका से वापस आने के बाद श्रीराम लागू का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हिंदी और मराठी सिनेमा में डॉ. लागू ने 100 अधिक फ़िल्मों में काम किया। उनके निधन की ख़बर आते ही बॉलीवुड में शोक की लहर छा गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि कपूर समेत कई सेलेब्रिटीज़ ने डॉ. लागू को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

बहुत कम लोग जानते हैं कि डॉ. श्रीराम लागू एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ ई एन टी  सर्जन भी थे। उन्होंने अपने करियर में फ़िल्मों के अलावा 20 मराठी नाटकों का निर्देशन भी किया। अस्सी और नब्बे के दशक में डॉ. लागू फ़िल्मों में एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुके थे। इस दौरान उन्होंने हिंदी और मराठी सिनेमा की क़रीब साठ फ़िल्मों में अलग-अलग भूमिकाएं अदा कीं। 1990 के बाद पर्दे पर उनकी मौजूदगी कम हो गयी थी, मगर थिएटर में वो सक्रिय रहे।
डॉ. लागू को एक्टिंग का शौक़ मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ही लग गया था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। उन्होंने 1971 में आयी आहट- एक अजीब कहानी से हिंदी सिनेमा में बतौर एक्टर पारी शुरू की थी। अपने करियर में उन्होंने कई तरह के किरदार निभाये।

ऋषि कपूर ने डॉ. श्रीराम लागू के निधन पर लिखा- श्रद्धांजलि, सबसे सहज कलाकारों में शामिल डॉ. श्रीराम लागू हमें छोड़कर चले गये। उन्होंने कई फ़िल्में कीं। दुर्भाग्यवश पिछले 25-30 सालों में उनके साथ काम करने का मौका कभी नहीं मिला। वो पुणे में रिटायर्ड जीवन बिता रहे थे। डॉ. साहब आपको बहुत प्यार। वहीं, मधुर भंडारकर समेत कई सेलेब्रिटीज़ ने डॉ. लागू को श्रद्धांजलि दी।




 

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