मुंबई में अखबारों की होम डिलीवरी पर लागू प्रतिबंध को जल्द हटाने के संकेत

मुंबई। कोरोनावायरस के कारण देश भर में ज़रूरी चीज़ों के वितरण का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है, लेकिन मुंबई देश का अकेला ऐसा शहर है जहाँ अखबारों की घर-घर जाकर (डोर टू डोर) डिलीवरी पर पाबंदी लगा दी गई थी। पिछले एक महीने से मुंबई में अखबारों की होम डिलीवरी बंद है, पर अब सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस प्रतिबंध को जल्द ही हटाया जा सकता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने  कहा कि घर-घर अखबार पहुंचाने पर लगी रोक अस्थायी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में मौजूदा स्थिति का आकलन कर जल्द फैसला लिया जाएगा।



अखबार वितरकों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि अखबारों को घर-घर पहुंचाने पर रोक लगाने का फैसला कोरोनावायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कई उद्योग, व्यवसाय, दुकानें और अन्य चीजें शुरू की गई हैं। अखबार हमारी दैनिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चौथे चरण में रेड जोन तथा कोविड-19 कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित है। ठाकरे ने कहा कि महामारी को देखते हुए अखबार वितरण पर रोक है, लेकिन जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।


बैठक में अखबार वितरकों का कहना था कि आवासीय सोसायटियां अखबारों के घर पर वितरण की इजाजत नहीं दे रही हैं और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दुकानों पर अखबारों की बिक्री की जा रही है। इस पर ठाकरे ने कहा कि कोरोना स्वास्थ्य के लिए आपातकाल है। इसलिए अखबारों के वितरण पर प्रतिबंध लगाया है, फिर भी इसका जल्द से जल्द मार्ग निकाला जाएगा।


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