फेक टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस ने तीन चैनलों के ख़िलाफ़ शिकंजा कसा

मुंबई।  मुंबई पुलिस ने फेक टीआरपी मामले में तीन चैनलों के ख़िलाफ़ शिकंजा और कसा है और कहा है कि कोई कितना भी बड़ा नाम हो, ज़रूरी हुआ तो उसके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में तीन चैनलों के नाम सामने आए हैं जिनमे रिपब्लिक भारत, बॉक्स सिनेमा और फकत मराठी शामिल हैं।  पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये टीवी चैनल पैसा देकर टीआरपी को मैन्युपुलेट करने का काम कर रहे थे।  पुलिस के मुताबिक रिपब्लिक टीवी पैसा देकर टीआरपी बढ़ाता है।  चैनल के डायरेक्‍टर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है और चैनल के खातों की जांच हो सकती है। 



टीआरपी को कैलकुलेट करने वाली एजेंसी BARC से जुड़ी  हंसा नाम की एजेंसी पर शिकंजा कसने की रिपोर्टें हैं।  देश भर में 3000 से ज्यादा पैरामीटर्स, मुंबई में तकरीबन 2000 पैरामीटर्स के मेंटेनेंस का जिम्मा BARC से जुड़ी एजेंसी हंसा को दिया गया था जो टीआरपी के साथ छेड़छाड़ कर रही थी।  जिन घरों में ये कॉन्फिडेंशियल पैरामीटर्स लगाए गए थे उस डेटा को किसी चैनल के साथ शेयर कर उनके साथ टीआरपी को छेड़छाड़ किया गया।  इन घरों में एक खास चैनल को ही लगाकर रखने के लिए कहा गया था, जिसके बदले में उन्हें पैसे दिए जाते थे।  इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया गया। गिरफ्तार किए गए शख्स के बैंक अकाउंट से तकरीबन 10 लाख और 8 लाख नगद बरामद किए गए।  तीन चैनलों की जानकारी मिली जिनमें से दो छोटे चैनल हैं।  ये डेटा को कॉम्प्रमाइज कर रहे थे। पैसा देकर टीआरपी को मैन्युपुलेट करने का काम कर रहे थे।  विशेष चैनल को ऑन करने के लिए कहा जाता था, अनपढ़ लोगों के घरों में इंग्लिश के चैनल को ऑन करने की भी डील की गई थी।  महीना फिक्स था।  लोगों के घरों में पैसा देते थे। 20 लाख रुपये एक अकाउंट से सीज किए गए।  एक आदमी से 8 लाख कैश बैंक लॉकर से रिकवरी हुई है। 


सवाल- क्‍या रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया जाएगा? इसके जवाब में कहा कि कोई भी कर्मचारी हो, किसी भी पद पर हो, पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।  फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।  दो छोटे चैनलों के मालिकों को अरेस्‍ट किया गया है। कोई व्यक्ति कितना भी ऊंचा हो उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। 


सवाल- चैनल की टीआरपी किसी एक घटना के कारण से बढ़ी या हेराफेरी के कारण. जवाब-हेराफेरी के कारण। 
– अगर इन तीन चैनल के अलावा भी कोई शक के दायरे में आता है तो जांच की जाएगी।  सूचना और प्रसारण मंत्रालय से समस्‍त विवरण शेयर किया जा रहा है और औऱ आगे की कार्रवाई के लिए आग्रह किया जा रहा है. 


 


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