म्यांमार में फेसबुक पर लगी रोक चार दिन में ही हटेगी, लेकिन लोकतंत्र पर रहेगी एक साल तक रोक
- ब्यूरो रिपोर्ट -
नई दिल्ली। म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार
का तख्ता पलट करने वाली सेना ने गुरुवार को फेसबुक ब्लॉक कर दिया। सैन्य अधिकारियों
के शीर्ष समूह, जुंटा का कहना है कि चार दिन बाद फेसबुक पर लगी रोक हटा दी जाएगी।
इसके विपरीत लोकतंत्र पर लगी रोक एक साल तक जारी रहेगी। तख्ता पलट करने वाली सेना को
आशंका है कि फेसबुक के जरिए राजनीतिक पार्टियां और नागरिक अधिकार संगठन बड़े प्रदर्शन
आयोजित कर सकते हैं।
5॰4 करोड़ आबादी वाले म्यामांर में 50 फीसदी
लोग फेसबुक इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक वहां फ्री डाटा सर्विस के साथ चलता है। बीते
सात-आठ साल में फेसबुक म्यामांर में सूचना शेयर करने का सबसे अहम प्लेटफॉर्म बन गया
है। सेना जानती है कि फेसबुक पर लंबे समय तक रोक लगाकर वह बड़ी आबादी को नाराज कर सकती
है। गुरुवार को एक बयान जारी कर म्यामांर के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि
फेसबुक पर रोक सात फरवरी तक है।
सूचना मंत्रालय के मुताबिक "फिलहाल, जो लोग देश की
स्थिरता को तंग कर रहे हैं, वे फेक न्यूज और गलत जानकारी
फैला रहे हैं, इसकी वजह से फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोग भ्रमित हो रहे हैं।"
फेसबुक ने म्यामांर में अपनी सर्विस प्रभावित होने की जानकारी दी है। फेसबुक के मुताबिक, उसकी व्हाट्सऐप
और इंस्टाग्राम जैसी दूसरी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
म्यामांर ने एक फरवरी की रात सेना ने तख्ता
पलट कर स्टेट काउंसलर आन सान सू ची को हिरासत में ले लिया। सेना ने नेशलन लीग फॉर डेमोक्रेसी
के दूसरे प्रमुख नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को आंग सान सू ची के खिलाफ
मुकदमे दर्ज किए गए। सू ची पर इजाजत के बगैर वॉकी-टॉकी और रेडियो उपकरण रखने के आरोप
लगाए गए हैं। वॉकी-टॉकी सू ची के गार्डों के क्वार्टर से जब्त किए गए।
तख्तापलट के बाद सोशल मीडिया में बड़ी संख्या
में लोगों ने सेना की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए। कई यूजर्स ने अपनी नाराजगी का
भी इजहार किया। सबसे बड़े शहर यांगोन में लोग गाड़ियों का हॉर्न बजाकर भी विरोध जता
रहे हैं।