पहली बार सरकार ने बनाए डिजिटल मीडिया के नए नियम , वेबसाइटों, सोशल मीडिया और ओटीटी की दुनिया में बड़े बदलाव की संभावना
- ब्यूरो रिपोर्ट -
नई दिल्ली। सरकार ने समाचार वेबसाइटों, सोशल मीडिया और
ओटीटी सेवाओं के लिए नए दिशा निर्देश बनाए हैं। इनसे इन तीनों क्षेत्रों में बड़े बदलाव
होने की संभावना है, लेकिन जानकार सवाल उठा रहे हैं कि नए नियमों के दुरूपयोग को
कैसे रोका जाएगा। यह पहली बार है जब भारत में समाचार वेबसाइटों, सोशल मीडिया और
ओटीटी सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। सरकार का कहना है कि इन नियमों के पीछे
मंशा इंटरनेट पर आम लोगों को और सशक्त बनाने की है।
सोशल मीडिया पर जो चीजें
नहीं जानी चाहिए
10 तरह के कॉन्टेंट को सोशल
मीडिया के लिए वर्जित बना दिया गया है। इसमें शामिल है वो सामग्री जिस से भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता
को खतरा होता हो, जिससे मित्र देशों से भारत के संबंधों पर खतरा होता हो, जिस से पब्लिक
ऑर्डर को खतरा होता हो, जो किसी जुर्म को करने
के लिए भड़काती हो या जो किसी अपराध की जांच में बाधा डालती हो।
मानहानि, अश्लीलता पर प्रतिबंध- इस तरह
की सामग्री को भी वर्जित कर दिया गया है जिससे किसी की मानहानि होती हो, जिसमें अश्लीलता
हो,
जिससे दूसरों की निजता का हनन होता हो, लिंग के आधार पर अपमान
होता हो, जो नस्ल के आधार पर आपत्तिजनक हो और जिससे हवाला या जुए को प्रोत्साहन
मिलता हो।
शिकायत पर कार्रवाई- सोशल मीडिया
कंपनियों को आम लोगों से शिकायत मिलने पर 24 घंटों में उसे
दर्ज करना होगा और 15 दिनों के अंदर उस पर कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए सोशल मीडिया
कंपनियों को एक शिकायत निवारण अधिकारी और एक अनुपालन अधिकारी भारत में ही नियुक्त करना
होगा।
वर्जित सामग्री को 36 घंटों के अंदर
हटाना होगा- किसी अदालत या किसी सरकारी संस्था से वर्जित
सामग्री को हटाने का आदेश जारी होने के 36 घंटों के अंदर
सोशल मीडिया कंपनी को उस सामग्री को हटाना होगा।
हर महीने एक रिपोर्ट- सोशल मीडिया
कंपनियों को हर महीने एक रिपोर्ट भी छापनी होगी जिसमें उन्हें बताना होगा कि उन्हें
कितनी और कौन सी शिकायतें मिलीं, उन पर क्या कार्रवाई की
गई और कंपनी ने खुद भी किसी वर्जित सामग्री को हटाया या नहीं।
संदेश भेजने वाले की पहचान- सोशल मीडिया
पर फैले रहे उपद्रवी संदेश या पोस्ट को सबसे पहले किसने भेजा या डाला इसकी पहचान सोशल
मीडिया कंपनी को करनी होगी और उसके बारे में जांच एजेंसियों को बताना होगा।
जुर्माना और जेल- सोशल मीडिया
कंपनियों द्वारा नियमों का पालन ना करने पर तीन साल से सात साल तक की जेल और दो लाख
से 10 लाख रुपयों तक के जुर्माने का प्रावधान है।
ओटीटी सेवाओं के लिए नियम- नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम
जैसे ओटीटी सेवाओं को अपने कार्यक्रमों को उम्र के आधार पर पांच श्रेणियों में डालने
के लिए, अपने यूजरों की उम्र मालूम करने के लिए और एडल्ट कार्यक्रमों
को बच्चों की पहुंच से परे कर देने के लिए कहा गया है।
समाचार वेबसाइटों के लिए
नियम- समाचार वेबसाइटों को प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए
पहले से बने हुए नियमों का पालन करना होगा। इसे सुनिश्चित करने के लिए सूचना और प्रसारण
मंत्रालय एक समिति भी बनाएगा।