टीवी चैनलों के खिलाफ शिकायतों का निपटारा 15 दिन में करना ज़रूरी
- ब्यूरो रिपोर्ट -
- केबल टेलीविजन
नेटवर्क के नियमों में संशोधन
- संशोधन के
बाद बनेगी तीन स्तर की शिकायत निवारण प्रणाली
- टीवी चैनलों
के सांविधिक निकायों को मान्यता देने का भी फैसला
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क के नियमों में संशोधन किया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर दी। उन्होंने बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन किया है। टीवी चैनलों के कार्यक्रमों के खिलाफ लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए एक कानूनी तंत्र विकसित किया गया है और चैनलों को पाबंद किया गया है कि उन्हें किसी भी कार्यक्रम को लेकर मिलने वाली शिकायतों का निपटारा 15 दिनों के भीतर करना होगा। मंत्रालय ने नियमों के तहत टीवी चैनलों के सांविधिक निकायों को मान्यता देने का भी फैसला लिया है। सरकार का दावा है कि नए नियम के आने से शिकायतों का आसानी से निपटारा हो सकेगा।
मौजूदा वक्त में 900 से अधिक टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के तहत सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित कार्यक्रम और एडवरटाइजिंग कोड का पालन करना पड़ता है। नए नियमों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नाम से जाना जाएगा। नए नियम 17 जून 2021 से प्रभावी होंगे। अब कोई भी दर्शक किसी भी चैनल की किसी भी सामग्री से असंतुष्ट होने पर सीधे ब्रॉडकास्टर को लिखित में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। नियमों में संशोधन के बाद तीन स्तर की एक शिकायत निवारण प्रणाली बनेगी। 1- ब्रॉडकास्टर्स द्वारा सेल्फ-रेगुलेशन 2- ब्रॉडकास्टर्स के सेल्फ-रेगुलेटिंग बॉडीज द्वारा सेल्फ-रेगुलेशन और 3- केंद्र सरकार की एक इंटर-डिपार्टमेंटल कमेटी द्वारा निरीक्षण।
ब्रॉडकास्टर शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के
भीतर उस शिकायत को देखेगा और शिकायतकर्ता को उसकी सूचना और रिपोर्ट को लेकर शिकायत
की प्राप्ति रसीद देगा। ब्रॉडकास्टर 15 दिनों के भीतर शिकायत का निपटारा करेगा और फैसले
की जानकारी शिकायतकर्ता को देगा। अगर 15 दिनों के भीतर कोई सुनवाई नहीं होती है या
शिकायतकर्ता सुनवाई से संतुष्ट नहीं है तो वह ब्रॉडकास्टर्स की सेल्फ-रेगुलेटिंग बॉडीज
को शिकायत कर सकता है।
सेल्फ-रेगुलेटिंग बॉडीज 60 दिनों के भीतर मामले
का निपटान करेगी और शिकायतकर्ता को जानकारी देगी। अगर शिकायतकर्ता सेल्फ-रेगुलेटिंग
बॉडीज के फैसले से भी संतुष्ट नहीं है तो वह फैसला आने के 15 दिनों के भीतर केंद्र
सरकार की ओवरसाइट मैकेनिज्म से अपील कर सकता है। ऐसी अपील पर ओवरसाइट मैकेनिज्म के
तहत इंटर-डिपार्टमेंटल कमेटी द्वारा कारवाई की जाएगी। इस कमेटी की अध्यक्षता मंत्रालय
के एडिशनल जनरल सेक्रेटरी करेंगे। इस कमेटी में महिला और बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स
और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय
के सदस्य भी शामिल होंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार चाहे तो अन्य मंत्रालयों और संगठनों
से भी एक्सपर्ट्स को शामिल कर सकती है। नए नियम लागू होने से पहले तक इंस्टीट्यूशनल
मेकेनिज्म कमेटी के जरिए कार्यक्रम/एडवरटाइजिंग कोड के उल्लंघन से संबंधित शिकायत दर्ज
कराई जा सकती थी। शिकायत की जांच करने के बाद इंटर-डिपार्टमेंटल कमेटी केंद्र को सलाह
दे सकती थी, निंदा कर सकती थी, ब्रॉडकास्टर को डांट लगा
सकती थी। माफी मांगने को कह सकती थी। यह ब्रॉडकास्टर को वार्निंग कार्ड, इनकारी बयान, कॉन्टेंट हटाने
या संशोधित करने या चैनल को एक निश्चित समय के लिए ऑफ-एयर करने को भी कह सकती थी।