जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की संस्कार रंग टोली की शुरुआत का निर्णय
- ब्यूरो रिपोर्ट -
नई दिल्ली। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी)
ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की संस्कार रंग टोली की शुरुआत का
निर्णय किया है। कला गतिविधियों से अछूते जम्मू-कश्मीर राज्य में रंग गतिविधियों
की शुरुआत के लिए राज्य में विद्यालय के संस्कार रंग टोली स्कन्ध की शुरुआत का
निर्णय किया गया है। इस बारे में जम्मू और कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी के
साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की ओर से एक एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए हैं। राष्ट्रीय
नाट्य विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्री दिनेश खन्ना ने प्रेस वार्ता मे यह जानकारी
दी। पत्रकार वार्ता विद्यालय में गत एक वर्ष के दौरान हुई प्रगति पर आधारित थी।
इसी दौरान अर्जुनदेव चारण द्वारा लिखित पुस्तक ‘पंचम वेद - नाट्य शास्त्र: नवीन दृष्टि’ का भी विमोचन किया गया।
अर्जुनदेव चारण की पुस्तक ‘पंचम वेद - नाट्य शास्त्र: नवीन दृष्टि’ का विमोचन करते हुए परेश रावल और दिनेश खन्ना
पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय सोसाइटी के अध्यक्ष और प्रख्यात रंग और सिने अभिनेता परेश रावल ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में हुए प्रगति कार्यों को विद्यालय के सम्पूर्ण स्टाफ़़ और संकाय के सामूहिक प्रयासों का फल बताते हुए विद्यालय को और आगे ले जाने पर ज़ोर दिया। रावल ने सितम्बर 2020 में कोरोना की महामारी के बीच अध्यक्ष पद का दायित्व ग्रहण किया था और उसके बाद छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए आभासी माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की ताकि छात्रों के अध्ययन में कोई व्यवधान न आने पाए। इसके साथ ही वर्षों से रुके पड़े विद्यालय पुनर्विकास के कार्य को भी परेश रावल ने व्यक्तिगत दिलचस्पी और पहल से आगे बढ़ाया है। श्री रावल के कार्यकाल में ही विद्यालय परिसर के डिजिटलीकरण की पहल भी हुई है और विद्यालय में आज कक्षाओं के सुचारु रूप से भौतिक संचालन के साथ ही नए सत्र के प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कला गतिविधियों से अछूते जम्मू-कश्मीर राज्य में रंग गतिविधियों की शुरुआत के लिए राज्य में विद्यालय के संस्कार रंग टोली स्कन्ध की शुरुआत का निर्णय लिया गया।
पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कार्यकारी निदेशक दिनेश खन्ना ने अध्यक्ष के प्रति
कृतज्ञता व्यक्त करते हुए समाज में रंगमंच की भूमिका को रेखाँकित करते हुए
विद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दिलाने का संकल्प
दोहराया।
विद्यालय में कक्षाओं के सुचारु संचालन की
प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही छात्रों के साथ नौटंकी शैली में नाटक ‘सत्य हरिश्चन्द्र’ का मंचन श्री रामदयाल शर्मा और डॉ. उमेश
चन्द्र शर्मा की देखरेख में अक्टूबर में किया गया और ऐक्टिंग सीन वर्क के तहत
इब्सन के पाँच नाटकों के चुनिन्दा अंशों का मंचन अक्टूबर माह में ही श्री दिनेश
खन्ना के निर्देशन में विद्यालय के अभिमंच सभागार में किया गया। वर्तमान में प्रथम
वर्ष और द्वितीय वर्ष के छात्रों के साथ चार नई प्रस्तुतियों पर कार्य चल रहा है।
कोरोना के कारण रुकी पड़ी रहीं विद्यालय की
गतिविधियों को सुचारु रूप से पटरी पर लाने की प्रक्रिया में विद्यालय में नए
प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सितम्बर माह में नए सत्र के लिए समाचार पत्रों
में विज्ञापन देने के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार करते हुए 1 दिसम्बर 2021 से
साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू हो रही है और जनवरी 2022 से नए सत्र की शुरुआत हो
जाएगी।